Tiger Jairam Mahto Jharkhand Biography – टाइगर जयराम महतो कौन है ?
टाइगर जयराम महतो: झारखंड के नेता का जीवनचरित्र:-
आज मैं आप सभी को एक ऐसे शख्स की जीवनी के बारे में बताने जा रहा हूं जिसकी जीवनी
जानने के बाद आप भी ऐसी परिस्थितियों से कभी हार नहीं मानेंगे बल्कि हर समस्या से
डटकर मुकाबला करेंगे। अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति की जीवनी के बारे में जानना चाहते
हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
जानने के बाद आप भी ऐसी परिस्थितियों से कभी हार नहीं मानेंगे बल्कि हर समस्या से
डटकर मुकाबला करेंगे। अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति की जीवनी के बारे में जानना चाहते
हैं तो इस लेख को अंत तक पढ़ें।
अब तक तो आप जान ही गए होंगे कि हम किसके बारे में बात करने जा रहे हैं क्योंकि
ये तो आपने ऊपर टाइटल में ही पढ़ लिया होगा तो जी हां, आज मैं जिस शख्स की जीवनी
के बारे में बात करने जा रहा हूं वो शख्स झारखंड का एक मशहूर शख्स है. माने,
झारखंड के युवाओं की धड़कन, छात्र नायक, युवा क्रांतिकारी
ये तो आपने ऊपर टाइटल में ही पढ़ लिया होगा तो जी हां, आज मैं जिस शख्स की जीवनी
के बारे में बात करने जा रहा हूं वो शख्स झारखंड का एक मशहूर शख्स है. माने,
झारखंड के युवाओं की धड़कन, छात्र नायक, युवा क्रांतिकारी
जयराम महतो का जन्म और जन्म स्थान:-
जय राम महतो उर्फ टाइगर जयराम महतो का जन्म 27 सितंबर 1994 को मान टांड़,
तोपचाची धनबाद में हुआ था. टाइगर जयराम महतो की प्रारंभिक शिक्षा उनके खूबसूरत
गांव मान टांड़, तोपचाची धनबाद से हुई। और आगे की पढ़ाई P.K ROY MEMORIAL COLLEGE
DHANBAD से इन्होने M . A से ENGLISH HONOUR किये हुवे है | इसके बाद इन्होने
PHD.(ENGLISH) की पढ़ाई BINOD BIHARI MAHTO UNIVERSITY से किये हुवे है
तोपचाची धनबाद में हुआ था. टाइगर जयराम महतो की प्रारंभिक शिक्षा उनके खूबसूरत
गांव मान टांड़, तोपचाची धनबाद से हुई। और आगे की पढ़ाई P.K ROY MEMORIAL COLLEGE
DHANBAD से इन्होने M . A से ENGLISH HONOUR किये हुवे है | इसके बाद इन्होने
PHD.(ENGLISH) की पढ़ाई BINOD BIHARI MAHTO UNIVERSITY से किये हुवे है
टाइगर जयराम महतो अपने छोटे से गांव में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं।
क्योंकि मैनाटांड़ जंगलों के बीच एक छोटा सा गांव है. जहाँ अक्सर शिक्षा, सड़क,
नाली, घर आदि हर चीज़ की कमी होती है। उस गाँव के अधिकांश लोग बेरोजगार हैं और
जंगलों से अपना जीवन यापन करते हैं। जयराम महतो ने भी उन्हीं जंगलों में पढ़ाई और
नौकरी की है.
क्योंकि मैनाटांड़ जंगलों के बीच एक छोटा सा गांव है. जहाँ अक्सर शिक्षा, सड़क,
नाली, घर आदि हर चीज़ की कमी होती है। उस गाँव के अधिकांश लोग बेरोजगार हैं और
जंगलों से अपना जीवन यापन करते हैं। जयराम महतो ने भी उन्हीं जंगलों में पढ़ाई और
नौकरी की है.
अब आप खुद सोचिए कि जिस गांव में न बिजली है, न स्कूल है, न सड़क है, उस गांव का
यह लड़का आज BINOD BIHARI MAHTO UNIVERSITY से अंग्रेजी में Phd कर रहा है।
यह लड़का आज BINOD BIHARI MAHTO UNIVERSITY से अंग्रेजी में Phd कर रहा है।
जयराम महतो का परिवार :- ( Jairam Mahto’s family )
जयराम महतो के परिवार में अब चार लोग हैं. उनकी मां, दादा और एक छोटा भाई है।
जयराम महतो के पिता एक आंदोलनकारी थे जिन्होंने झारखंड आंदोलन में अपनी जान गंवा
दी थी. जब जयराम महतो का जन्म भी नहीं हुआ था, तभी एक आंदोलन में उनके पिता की
मृत्यु हो गयी. जयराम महतो के पिता एक आंदोलनकारी और देशभक्त थे. आज उनकी राह में
खुद जयराम महतो हैं. जयराम महतो का छोटा भाई खेती करता है.
जयराम महतो के पिता एक आंदोलनकारी थे जिन्होंने झारखंड आंदोलन में अपनी जान गंवा
दी थी. जब जयराम महतो का जन्म भी नहीं हुआ था, तभी एक आंदोलन में उनके पिता की
मृत्यु हो गयी. जयराम महतो के पिता एक आंदोलनकारी और देशभक्त थे. आज उनकी राह में
खुद जयराम महतो हैं. जयराम महतो का छोटा भाई खेती करता है.
जयराम महतो की मां को झारखंड सरकार से 3,000 रुपये मासिक मिलते हैं और वह बूढ़ी
दादी हैं. आज झारखंड की जनता के हक के लिए जयराम महतो खुद लड़ रहे हैं. जैसे उनके
पिता झारखंड के लिए लड़ रहे थे.
दादी हैं. आज झारखंड की जनता के हक के लिए जयराम महतो खुद लड़ रहे हैं. जैसे उनके
पिता झारखंड के लिए लड़ रहे थे.
Contents
Tiger Jairam Mahto Jharkhand Biography – टाइगर जयराम महतो कौन है ?टाइगर जयराम महतो: झारखंड के नेता का जीवनचरित्र:-जयराम महतो का जन्म और जन्म स्थान:-जयराम महतो का परिवार :- ( Jairam Mahto’s family )जयराम महतो का नाम टाइगर कैसे पड़ा ? ( How did Jairam Mahto get the
name Tiger?</span >
जयराम महतो कौन है और इतना फेमस कैसे हुवे – ( Who is Jairam Mahto and
how did he become so famous? )</span ></span >
जयराम महतो के गुरु – ( Jairam Mahto’s Guru )जयराम महतो कैसे बने छात्र नेता ?जयराम महतो की नई पार्टी – ( Jairam Mahto’s new party )</span >
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का ऐलान:-बफा के अरमानों का झारखंड नहीं बन पाया : जयराम महतो :-</span >
हमारी जमीन ले ली गयी और दूसरे राज्य के लोगों को जमीन नियाेजन</span > कर दी गयी:-
बिनोद बिहारी महतो के नारे को साकार करना होगा: मोतीलाल महतोअध्यक्ष चुने गए जयराम महतो:-</span >
जयराम महतो का नाम टाइगर कैसे पड़ा ? ( How did Jairam Mahto get the
name Tiger?</span >
name Tiger?</span >
बचपन में जयराम महतो को क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था. उन्हें क्रिकेट खेलने बहुत
मजा आता था. जब वह क्रिकेट के मैदान पर होते थे तो पूरे दिल और दिमाग से क्रिकेट
खेलते थे। जयराम महतो अपने क्षेत्र के सबसे अच्छे फील्डर हुआ करते थे. वह युवराज
सिंह की तरह कैच पकड़ते थे. इसीलिए लोग जयराम महतो को टाइगर के नाम से बुलाने लगे
क्योंकि वह बाघ की तरह कैच पकड़ते थे।
मजा आता था. जब वह क्रिकेट के मैदान पर होते थे तो पूरे दिल और दिमाग से क्रिकेट
खेलते थे। जयराम महतो अपने क्षेत्र के सबसे अच्छे फील्डर हुआ करते थे. वह युवराज
सिंह की तरह कैच पकड़ते थे. इसीलिए लोग जयराम महतो को टाइगर के नाम से बुलाने लगे
क्योंकि वह बाघ की तरह कैच पकड़ते थे।
जयराम महतो कौन है और इतना फेमस कैसे हुवे – ( Who is Jairam Mahto and
how did he become so famous? )</span ></span >
how did he become so famous? )</span ></span >
धनबाद के तोपचाची के मैनाटांड़ में जन्मे जयराम महतो एक आम आदमी की तरह हैं,
जिन्होंने झारखंड की जनता के हक और अधिकार के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी है. जयराम
महतो ने अंग्रेजी में पीएचडी की है. जयराम महतो अक्सर छात्रों के लिए आंदोलन करते
रहते हैं.
जिन्होंने झारखंड की जनता के हक और अधिकार के लिए सरकार से लड़ाई लड़ी है. जयराम
महतो ने अंग्रेजी में पीएचडी की है. जयराम महतो अक्सर छात्रों के लिए आंदोलन करते
रहते हैं.
इस बार जब Second Lockdown हुवा उस समय झारखण्ड सरकार ने झारखण्ड के Exam में
बाहरी भाषा को जगह दे दिया और यहाँ के लोकल भाषा को जगह नही दिया | जैसे –
भोजपुरी . मगही इत्यादि वगेरा को झारखण्ड के JSSC EXAM में सामिल कर दिया गया
था | और आपको तो पता ही है की जयराम महतो शुरू से ही Students के लिए आन्दोलन
करते रहे है इसीलिए इस बार और जोरो सोरो से आन्दोलन शुरू किया इर रातो रातो
झारखण्ड के युवाओं के दिलो में राज करने लगे |</span >
बाहरी भाषा को जगह दे दिया और यहाँ के लोकल भाषा को जगह नही दिया | जैसे –
भोजपुरी . मगही इत्यादि वगेरा को झारखण्ड के JSSC EXAM में सामिल कर दिया गया
था | और आपको तो पता ही है की जयराम महतो शुरू से ही Students के लिए आन्दोलन
करते रहे है इसीलिए इस बार और जोरो सोरो से आन्दोलन शुरू किया इर रातो रातो
झारखण्ड के युवाओं के दिलो में राज करने लगे |</span >
धीरे-धीरे जयराम महतो की लोकप्रियता इतनी बढ़ गई कि पूरे झारखंड के लोग
उन्हें जानने लगे और उन्हें सभाओं में बुलाने लगे. और इस तरह से जयराम महतो
झारखंड के बच्चों, युवाओं और बूढ़ों के दिलों पर राज करने लगे.
उन्हें जानने लगे और उन्हें सभाओं में बुलाने लगे. और इस तरह से जयराम महतो
झारखंड के बच्चों, युवाओं और बूढ़ों के दिलों पर राज करने लगे.
अब जयराम महतो इतने मशहूर हो गये हैं कि बाहरी राज्यों से भी लोग उन्हें
भासन देने के लिए बुला रहे हैं.
भासन देने के लिए बुला रहे हैं.
जयराम महतो के गुरु – ( Jairam Mahto’s Guru )
कई लोग बचपन से ही जयराम महतो को अपना गुरु मानते हैं और उनके आदर्शों पर
भी चलते हैं. टाइगर जयराम महतो के कुछ आदर्श गुरु हैं – भगत सिंह, बिरसा
मुंडा, बिनोद बिहारी महतो आदि उनके आदर्श हैं।
भी चलते हैं. टाइगर जयराम महतो के कुछ आदर्श गुरु हैं – भगत सिंह, बिरसा
मुंडा, बिनोद बिहारी महतो आदि उनके आदर्श हैं।
दोस्तों मुझे उम्मीद है कि आप सभी को यह आर्टिकल पसंद आया होगा। अगर आपको
हमारा यह आर्टिकल पसंद आया तो कृपया हमें कमेंट करके बताएं कि आपको यह
आर्टिकल कैसा लगा। इससे हमें प्रेरणा मिलती है
हमारा यह आर्टिकल पसंद आया तो कृपया हमें कमेंट करके बताएं कि आपको यह
आर्टिकल कैसा लगा। इससे हमें प्रेरणा मिलती है
जयराम महतो कैसे बने छात्र नेता ?
झारखंड सरकार ने 24 दिसंबर, 2021 को एक अधिसूचना जारी कर राज्य के 11
जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए झारखंड के बाहर की भाषाओं जैसे
भोजपुरी, मगही क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में रखा।
जिलों में राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए झारखंड के बाहर की भाषाओं जैसे
भोजपुरी, मगही क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में रखा।
इस अधिसूचना के बाद झारखंड में भाषा आंदोलन शुरू हो गया, जिसके कारण
युवाओं ने बोकारो, गिरिडीह और डॉयचे में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन
शुरू कर दिया। इन युवाओं का नेतृत्व रचित महतो ने किया. उनके साथ
तीर्थराजनाथ आकाश भी थे।
युवाओं ने बोकारो, गिरिडीह और डॉयचे में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन
शुरू कर दिया। इन युवाओं का नेतृत्व रचित महतो ने किया. उनके साथ
तीर्थराजनाथ आकाश भी थे।
जयराम के नेतृत्व में एक ही दिन में 5 लाख से अधिक युवा और स्थानीय लोग
बोकारो जिले में जुटे. आजकल किसी सेलिब्रिटी या किसी नेता के आगमन पर भी
इतनी भीड़ नहीं होती और यहीं से उनका नाम मीडिया के सामने आ जाता है.
बोकारो जिले में जुटे. आजकल किसी सेलिब्रिटी या किसी नेता के आगमन पर भी
इतनी भीड़ नहीं होती और यहीं से उनका नाम मीडिया के सामने आ जाता है.
जयराम महतो की नई पार्टी – ( Jairam Mahto’s new party )</span >
18 जून 2023 को बलियापुर हवाईपट्टी के मैदान में महतो ने एक नई पार्टी
बनाई, जिसका नाम उन्होंने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS)
रखा. इस पार्टी का चुनाव चिन्ह टाइगर है. उन्हें इस पार्टी के पहले
अध्यक्ष के रूप में इस पद पर नियुक्त किया गया था।</span >
बनाई, जिसका नाम उन्होंने झारखंडी भाषा खतियान संघर्ष समिति (JBKSS)
रखा. इस पार्टी का चुनाव चिन्ह टाइगर है. उन्हें इस पार्टी के पहले
अध्यक्ष के रूप में इस पद पर नियुक्त किया गया था।</span >
पार्टी के गठन के दौरान अख्तर समा ने पूरे शब्दों में कहा कि उनकी
पार्टी आगामी 2024 के विधानसभा चुनाव में सभी को मैदान में उतारेगी.
उनकी पार्टी का एकमात्र लक्ष्य 1932 के खतियान को पूरे झारखंड में
लागू करना होगा.</span ></span >
पार्टी आगामी 2024 के विधानसभा चुनाव में सभी को मैदान में उतारेगी.
उनकी पार्टी का एकमात्र लक्ष्य 1932 के खतियान को पूरे झारखंड में
लागू करना होगा.</span ></span >
</span >
</span >
लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ताल ठोकने का ऐलान:-
रविवार, 18 जून 2023 को बलियापुर के हवाई पट्टी मैदान में राज्य प्रतिष्ठान में
तीन सदस्यीय जेबीकेएसएस के गठन का निर्णय लिया गया। जेबीके एसएस पार्टी को 2024
के चुनावी रण में आम और विधानसभा के सभी दलों के लिए उतारा गया। भीषण गर्मी के
बावजूद बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न विचारधाराओं से जुड़े लोग शामिल हुए.
तीन सदस्यीय जेबीकेएसएस के गठन का निर्णय लिया गया। जेबीके एसएस पार्टी को 2024
के चुनावी रण में आम और विधानसभा के सभी दलों के लिए उतारा गया। भीषण गर्मी के
बावजूद बड़ी संख्या में राज्य के विभिन्न विचारधाराओं से जुड़े लोग शामिल हुए.
बफा के अरमानों का झारखंड नहीं बन पाया : जयराम महतो :-</span >
सम्मेलन को संबोधित करते हुए छात्र नेता से राजनेता बने जयराम महतो ने कहा
कि शहीदों के सपनों का झारखंड नहीं मिल पाया है. झारखंडियों ने झारखंड के लिए
बलिदान दिया. यहां बाहरी लोगों का राज है. जिसे अपना मानकर सत्ता सौंपी, वह
पूरे झारखंड की जनता को निराश कर रहा है. सांप्रदायिकता और पूंजीवाद के जरिये
झारखंड की जनता को ठगा जा रहा है. 1932 का खतियान लागू होने तक जेबीकेएसएस
चुप नहीं बैठेगा.</span ></span >
कि शहीदों के सपनों का झारखंड नहीं मिल पाया है. झारखंडियों ने झारखंड के लिए
बलिदान दिया. यहां बाहरी लोगों का राज है. जिसे अपना मानकर सत्ता सौंपी, वह
पूरे झारखंड की जनता को निराश कर रहा है. सांप्रदायिकता और पूंजीवाद के जरिये
झारखंड की जनता को ठगा जा रहा है. 1932 का खतियान लागू होने तक जेबीकेएसएस
चुप नहीं बैठेगा.</span ></span >
हमारी जमीन ले ली गयी और दूसरे राज्य के लोगों को जमीन नियाेजन</span > कर दी गयी:-
उन्होंने कहा कि हमारी जमीन चली गयी है और योजना दूसरे राज्य के लोग बना रहे हैं.
यहां के सांसद गांव के लोगों के वोट से चुने गये हैं और अपना हक मांगने पर चुप
रहते हैं. ऐसा नहीं होने देंगे. जनता अपने हक के लिए आंदोलन करती रहेगी। कहा कि
पूरे झारखंड में यहां के लोगों की जमीन कौड़ियों के भाव ले ली गयी है. लोगों को
मूर्ख बनाया गया है ऐसे कई लोग हैं जो अपनी जमीन बेचकर स्टेशनों और
बाजारों में भीख मांगने को मजबूर हैं। कहा कि जल, जंगल व जमीन को बचाने की जरूरत
है. अपनी किडनी बेच दो लेकिन अपने पूर्वजों की ज़मीन कभी मत बेचो।
यहां के सांसद गांव के लोगों के वोट से चुने गये हैं और अपना हक मांगने पर चुप
रहते हैं. ऐसा नहीं होने देंगे. जनता अपने हक के लिए आंदोलन करती रहेगी। कहा कि
पूरे झारखंड में यहां के लोगों की जमीन कौड़ियों के भाव ले ली गयी है. लोगों को
मूर्ख बनाया गया है ऐसे कई लोग हैं जो अपनी जमीन बेचकर स्टेशनों और
बाजारों में भीख मांगने को मजबूर हैं। कहा कि जल, जंगल व जमीन को बचाने की जरूरत
है. अपनी किडनी बेच दो लेकिन अपने पूर्वजों की ज़मीन कभी मत बेचो।
बिनोद बिहारी महतो के नारे को साकार करना होगा: मोतीलाल महतो
वहीं, मोतीलाल महतो ने कहा कि यहां की भाषा और संस्कृति को ठेस पहुंचाने का काम
किया गया है. बाहरी लोग सदैव भौगोलिक आधार एवं संस्कृति को नष्ट करने में लगे
रहते हैं। डेढ़ साल तक चला आंदोलन पूरे झारखंड में फैल गया है. उथल-पुथल शुरू हो
गई है. कांग्रेस, झामुमो, भाजपा, आजसू इन सभी ने यहां की भाषा और संस्कृति को चोट
पहुंचाने का काम किया है. हमें लड़ना होगा. बिनोद बाबू के नारे को साकार करना
होगा.
किया गया है. बाहरी लोग सदैव भौगोलिक आधार एवं संस्कृति को नष्ट करने में लगे
रहते हैं। डेढ़ साल तक चला आंदोलन पूरे झारखंड में फैल गया है. उथल-पुथल शुरू हो
गई है. कांग्रेस, झामुमो, भाजपा, आजसू इन सभी ने यहां की भाषा और संस्कृति को चोट
पहुंचाने का काम किया है. हमें लड़ना होगा. बिनोद बाबू के नारे को साकार करना
होगा.
अध्यक्ष चुने गए जयराम महतो:-</span >
सर्वसम्मति से जयराम महतो को JBKSS का अध्यक्ष चुना गया. लोगों ने फूल
मालाओं से उनका स्वागत किया गया. इस अवसर पर बलियापुर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष
आशीष महतो, उपाध्यक्ष कुश महतो, कमलेश महतो, धनंजय मिर्धा, चंद्रमोहन, रंजीत,
आत्माराम, प्रकाश, राजू, देवदास धीवर, दिनेश, राकेश, माथुर, संजय, संदीप,
बिरजू, मुक्तेश्वर, संजय कुमार। . महतो, प्रदीप महतो आदि सक्रिय रहे।</span >
मालाओं से उनका स्वागत किया गया. इस अवसर पर बलियापुर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष
आशीष महतो, उपाध्यक्ष कुश महतो, कमलेश महतो, धनंजय मिर्धा, चंद्रमोहन, रंजीत,
आत्माराम, प्रकाश, राजू, देवदास धीवर, दिनेश, राकेश, माथुर, संजय, संदीप,
बिरजू, मुक्तेश्वर, संजय कुमार। . महतो, प्रदीप महतो आदि सक्रिय रहे।</span >
</span >